अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. पी एस एल वी, जी एस एल वी और एल वी एम3 में कौन सी द्रव नोदन प्रणालियों का उपयोग किया जाता है?

    पी एस एली वी, दूसरे और चौथे चरण, अर्थात् पी एस2 और पी एस4 चरण, द्रव नोदन इंजनों द्वारा संचालित होते हैं। पी एस2 चरण एक विकास इंजन द्वारा 800kN का थ्रस्ट और 40 टन का प्रणोदक लोडिंग के साथ संचालित होता है। चौथा चरण दो पी एस4 इंजनों द्वारा संचालित है, जो 14.7kN का थ्रस्ट प्रदान करते हैं और इसका प्रणोदक लोडिंग 1.6 से 2.6 टन तक होता है। इसके अलावा, पी एस एल वी का पहला चरण, पिच, यॉ और रोल नियंत्रण के लिए पार्श्व अंतःक्षेपण थ्रस्ट सदिश नियंत्रण (एस आई टी वी सी) और प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (आर सी एस) नामक द्रव नोदन आधारित नियंत्रण पावर सयंत्रों का उपयोग करता है।

    जी एस एल वी में, द्रव नोदन विकास इंजन द्वारा संचालित 40 टन के प्रणोदक लोडिंग के साथ 4 एल40 स्ट्रैपऑन चरण होते हैं। इसके अलावा, दूसरा चरण, जी एस2 भी 40 टन के प्रणोदक लोडिंग के साथ विकास इंजन-आधारित द्रव नोदन चरण होता है। तीसरा चरण, 75 kN थ्रस्ट देने वाले इंजन और 15 टन के चरण प्रणोदक लोडिंग के साथ क्रायोजेनिक तकनीकी का उपयोग करता है।

    एल वी एम3 में, मुख्य चरण एल110, 1600kN का थ्रस्ट प्रदान करने वाले दो विकास इंजनों और 110 टन के प्रणोदक लोडिंग के साथ एक द्रव नोदन चरण है। ऊपरी चरण, 28 टन के प्रणोदक लोडिंग सहित 200 kN थ्रस्ट विकसित करने वाले सी ई20 इंजन द्वारा संचालित एक स्वदेशी-विकसित क्रायोजेनिक चरण सी25 है।

  2. निम्नतापीय (क्रायोजेनिक) नोदन क्या है?

    क्रायोजेनिक नोदन प्रणाली उन प्रणोदकों का उपयोग करती है, जो 123K से से कम तापमानों पर भंडारित किए जाते हैं। सामान्यतः उपयोग किए जाने वाले क्रायोजेनिक प्रणोदक, द्रव हाइड्रोजन (ईंधन) और द्रव ऑक्सीजन (ऑक्सीडाइज़र) होते हैं। रॉकेट नोदन के लिए द्रव ऑक्सीजन (क्वथनांक 90K) और द्रव हाइड्रोजन (क्वथनांक 20K) के संयोजन का उपयोग किया जाता है। क्रायोजेनिक नोदन का विशिष्ट आवेग 450 सेकंड से 460 सेकंड तक होता है। यह ठोस प्रणोदकों के 260 सेकंड से 275 सेकंड तक के आवेग, भू भंडारणीय प्रणोदकों के 280 सेकंड से 315 सेकंड तक के आवेग और सेमी-क्रायो नोदन के 300 सेकंड से 350 सेकंड तक के आवेग की तुलना में अधिक होता है। यह उच्च कार्य-प्रदर्शन ही प्रमोचन यानों के अंतिम चरणों में क्रायोजेनिक इंजनों के उपयोग का मुख्य कारण है।

  3. अंतरिक्षयान में उपयोग होने वाली नोदन प्रणाली क्या है?

    अंतरिक्षयान को प्रमोचन यान द्वारा या तो निम्न पृथ्वी कक्षा में या भू-स्थानांतरन कक्षा में अंतःक्षेपित किया जाता है। एक बार कक्षा में अंतःक्षेपित हो जाने के बाद, अन्तरिक्षयान को अपने प्रचालन जीवन के दौरान कई उद्देश्यों के लिए किसी प्रकार के नोदन की आवश्यकता पड़ती है। यह अन्तरिक्ष यान नोदन प्रणाली है जो अन्तरिक्ष यान को ध्रुवीय कक्षा, भू-तुल्यकालिक कक्षा आदि -जैसी अभीष्ट कक्षाओं में सटीकता से धकेलता है।

    इसके अलावा, अंतरिक्ष नोदन प्रणाली अंतरिक्ष की कक्षा में दिशा-निर्देशन सक्षम बनाती है, कक्षा और अभिवृत्ति नियंत्रित करती है और बनाए रखती है और साथ ही जीवन की समाप्ती हो जाने पर अंतरिक्ष यान के कौशलपूर्ण संचालन में मदद करती है।

    मुख्य रूप से दो प्रकार के नोदन प्रणाली अभिविन्यासें, एकल-प्रणोदक प्रणाली और द्विप्रणोदक प्रणाली इसरो के विभिन्न अंतरिक्ष यान मिशनों में उपयोग की जा रही हैं। विद्युत नोदन प्रणाली भी अंतरिक्ष यान नोदन के लिए विकसित किया जा रहा है।

  4. विद्युत नोदन प्रणाली क्या है?

    विद्युत नोदन प्रणाली, उस ऊर्जा-स्रोत का उपयोग करके जो प्रणोदक से स्वतंत्र होता है, प्रणोदक को गर्म करने और/या इसे सीधे निष्कासित करने के लिए विद्युत ऊर्जा का उपयोग करती है।

  5. ठोस नोदन प्रणाली की तुलना में द्रव नोदन प्रणाली के क्या फायदे हैं?

    द्रव नोदन, ठोस नोदन की तुलना में कई लाभ पहुंचाता है, जैसे कि: a) उच्चतर विशिष्ट आवेग b) वांछित थ्रस्ट समाप्ति की क्षमता c) उचित थ्रस्ट प्रबंधन प्रणाली के जरिये थ्रस्ट को नियंत्रित किया जा सकता है d) पुनः चालू करने की क्षमता।

  6. द्रव नोदन प्रणाली केंद्र की गतिविधियाँ कहाँ संचालित होती हैं?

    द्रव नोदन प्रणाली केंद्र की गतिविधियाँ और सुविधाएँ इसके दो परिसरों में फैली हुई हैं, वलियमला/तिरुवनंतपुरम में द्रव नोदन प्रणाली केंद्र मुख्यालय और अभिकल्पना कार्यालय और द्रव नोदन प्रणाली केंद्र, बेंगलुरु/कर्नाटक में अंतरिक्ष यान नोदन प्रणालियाँ ।

    द्रव नोदन प्रणाली केंद्र, वलियमला केंद्र का मुख्यालय है, जो मुख्य रूप से अनुसंधान एवं विकास, प्रणाली डिजाइन/इंजीनियरिंग और परियोजना प्रबंधन कार्यों के लिए उत्तरदायी है।

    प्रमोचन यान के लिए भू-भंडारणीय, क्रायोजेनिक और सेमी-क्रायोजेनिक नोदन प्रणालियों , संबंधित तरल नियंत्रण घटकों की अभिकल्पना और इनका विकास, नोदन अनुसंधान, सामग्री विकास और निर्माण, यांत्रिक अभिकल्पना, प्रणाली इंजीनियरिंग आदि कार्यों में संलग्न विभिन्न संस्थाएँ यहाँ स्थित हैं।

    द्रव नोदन प्रणाली केंद्र, बेंगलूरू पूर्णतः उपग्रह नोदन पर कार्य करता है। अन्तरिक्ष यान नोदन प्रणाली का डिजाइन और निर्माण, इसरो के सुदूर संवेदन, संचार, नौ संचालन एवं वैज्ञानिक अन्तरिक्ष यानों के लिए अंतरिक्ष यान नोदन प्रणाली का समेकन, ट्रांसड्यूसरों/संवेदकों का विकास और उत्पादन भी द्रव नोदन प्रणाली केंद्र, बेंगलुरु में अन्य प्रमुख गतिविधियाँ हैं। ए एस डी/एच ए एल में प्रमोचन यान चरण टैंकों और संरचनाओं के निर्माण का समन्वयन एवं प्रबंधन बेंगलूरु-स्थित एल एच डब्ल्यू सी द्वारा किया जाता है।