उन्नत नोदन प्रणालियाँ


इसरो ने गगनयान कार्यक्रम की शुरुआत निम्न भू कक्षा में मानव अंतरिक्ष उड़ान का प्रदर्शन करने के लिए की है। यह आने वाले दिनों में एक सतत भारतीय मानव अंतरिक्ष अन्वेषण कार्यक्रम की नींव डालेगा। इस कार्यक्रम का दायरा तीन सदस्यों की एक चालक दल के साथ निम्न कक्ष में मानव अंतरिक्ष उड़ान का प्रदर्शन कुछ सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण प्रयोगों के साथ एक कक्षीय अवधि से लेकर अधिकतम सात दिनों तक करना है।

मानवानुकूलित प्रमोचनयान:

एल वी एम3 वाहन को मानव मिशनों के लिए अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली के रूप में चिह्नित किया गया है। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप एल वी एम3 प्रमोचन यान में सभी प्रणालियों के मानवानुकूलन एवं अनेक मानवरिहत मिशनों के जरिए अतिरिक्त प्रणाली योग्यता और मान्यता की आवश्यकता होगी।

द्रव नोदन प्रणाली केंद्र एल वी एम3 वाहन के लिए मानवानुकूलित एल110 चरण और सी32 चरण के निर्माण और इनकी आपूर्ति के लिए जिम्मेदार है। विकास इंजन और सी ई20 इंजन की मानवानुकूलन योग्यता कई गर्म परीक्षणों की श्रृंखला के जरिए सफलतापूर्वक पूरी की गई। केंद्र में अन्य विभिन्न चरण प्रणालियों का विकास और योग्यता प्रगति पर है।



कक्षीय मॉड्यूल (कर्मीदल मॉड्यूल एवं सेवा मॉड्यूल):

मिशन के आरोहण, कक्षा परिक्रमण, अवरोहण एवं वापसी चरणों के दौरान कक्षीय मॉड्यूल में कर्मीदल होते हैं। कर्मीदल मॉड्यूल चालक दल के लिए एक दबावयुक्त आवास के रूप में कार्य करता है, जबकि सेवा मॉड्यूल प्रणोदक टैंक, थ्रस्ट्रों, जीवन रक्षक प्रणाली के लिए आवश्यक सामग्रियों और प्रमोचन यान एवं कर्मीदल के लिए यांत्रिक एवं विद्युत अंतरापृष्ठ सहित एक दबावरहित मॉड्यूल है।


विकास इंजन गगनयान योग्यता के लिए गर्म परीक्षण

सी ई20 इंजन गगनयान योग्यता के लिए गर्म परीक्षण

कर्मीदल मॉड्यूल की नोदन प्रणाली के विकास और इसकी योग्यता प्रणाली प्रदर्शन मॉडल (एस डी एम) एकीकृत स्तर पर प्रणाली के प्रदर्शन को वैध करते हुए परीक्षणों की एक श्रृंखला के माध्यम से पूरा किया गया है। इसी तरह, द्रव नोदन प्रणाली केंद्र में सेवा मॉड्यूल नोदन प्रणाली का विकास और प्रणाली स्तर पर योग्यता प्रणाली प्रदर्शन मॉडल (एस डी एम) परीक्षणों की एक श्रृंखला के माध्यम से प्रगति पर है। इन मॉड्यूलों के लिए नोदन प्रणाली प्रणोदकों के रूप में एम एम एच और एम ओ एन-3 का उपयोग करती है। कर्मीदल मॉड्यूल नोदन प्रणाली सेवा मॉड्यूल के अलग होने के बाद पैराशूट की तैनाती तक 3-अक्षीय नियंत्रण प्रदान करने हेतु अभीष्ट है। जबकि, सेवा मॉड्यूल के कार्यों में नोदन प्रणाली में डि-बूस्टिंग के लिए अभिवृत्ति, कक्षीय वाहन को डि-बूस्ट करना, स्थिति बनाए रखना और आवश्यकता पड़ने पर कक्षा विस्तार शामिल हैं।

कर्मीदल मॉड्यूल, सेवा मॉड्यूल और प्रमोचन यान के बीच तरल-सर्विसिंग और विद्युत लाइनों की आवश्यकताएँ पूरी करने के लिए 3 प्रकार के गर्भनालों का विकास किया जा रहा है।

सी एम-एस डी एम परीक्षण
पर्यावरणीय नियंत्रण एवं जीवन रक्षण प्रणाली:

केंद्र में कर्मीदल मॉड्यूल का कैबिन दाब नियंत्रण प्रणाली, तापीय एवं आर्द्रता नियंत्रण प्रणाली के लिए प्रवाह नियंत्रण अवयव और मानव उपापचय अनुकारक का विकास प्रगति पर है। कैबिन दाब नियंत्रण प्रणाली का मुख्य कार्य भंडारित ऑक्सीजन टैंकों से कर्मीदल द्वारा उपभुक्त ऑक्सीजन की पूर्ति करते हुए निर्धारित सीमा के भीतर कैबिन के कुल दाब और ऑक्सीजन के आंशिक दाब की निगरानी और नियंत्रण करना है। गैसीय ऑक्सीजन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नवीन प्रवाह नियंत्रण अवयवों और गैस बोतलों का विकास किया जा रहा है। इसी प्रकार, तापीय व आर्द्रता नियंत्रण प्रणाली कैबिन का तापमान और आर्द्रता क्रमशः 23±3°C और सापेक्ष आर्द्रता 30-70% के भीतर बनाए रखने के लिए कार्य करती है। ।

इसके अलावा, केंद्र पर्यावरण नियंत्रण और जीवन रक्षण प्रणाली (ई सी एल एस एस) के समग्र एकीकरण और परीक्षण के लिए जिम्मेदार है, जिसमें कैबिन दाब नियंत्रण प्रणाली (सी पी सी एस), तापीय और आर्द्रता नियंत्रण प्रणाली (टी एच सी एस) और मानव उपापचय अनुकारक (एच एम एस) शामिल हैं।


कैबिन दाब नियंत्रण प्रणाली अतिरिक्त दाब नियामक
मुख्य उपलब्धियाँ

विकास इंजन

सी ई20 इंजन

सेवा मॉड्यूल नोदन प्रणाली

कर्मीदल मॉड्यूल नोदन प्रणाली

पर्यावरण नियंत्रण और जीवन रक्षण प्रणाली

** एस डी एम : प्रणाली प्रदर्शन मॉडल


सेमी-क्रायोजेनिक प्रणोदन प्रणाली परियोजना (एस पी एस पी) एल वी एम3 प्रमोचन यान की नीतभार क्षमता को बढ़ाने के लिए एस सी120 सेमीक्रायो उड़ान चरण के डिज़ाइन, विकास, योग्यता और आपूर्ति की परिकल्पना करती है। सेमी-क्रायोजेनिक इंजन पर्यावरण अनुकूल और लागत प्रभावी प्रणोदकों (लॉक्स और इसरोसिन) का उपयोग करता है।

सेमी-क्रायोजेनिक चरण (एस सी120) का विकास भावी मिशनों के लिए प्रमोचन यानों के विकास में आत्मनिर्भरता की प्राप्ति की दिशा में इसरो की एक बड़ी छलांग है, जिसका लक्ष्य जी टी ओ के लिए 5 टन श्रेणी के नीतभार हैं। यह चरण लगभग 120 टन प्रणोदक लोडिंग के साथ एल वी एम3 के लिए अभिविन्यासित है ताकि वाहन के समग्र आयामों को बिना बदले इसे एल110 चरण के आवरण में समाहित किया जा सके। एस ई2000 इंजन, जो 200 टन थ्रस्ट उत्पन्न करता है और चरणबद्ध दहन चक्र पर काम करते हुए इस चरण को प्रणोदित करता है। पर्यावरण अनुकूल और अपेक्षाकृत सस्ते प्रणोदकों का उपयोग करने के अलावा, एस सी120 चरण एल वी एम3 की नीतभार क्षमता को लगभग 640 किलोग्राम तक बढ़ाता है।
इंजन का डिज़ाइन सफलतापूर्वक पूरा किया गया और इंजन उप-प्रणाली का विकास प्रगति पर है। इंजन के निर्माण के लिए आवश्यक विभिन्न श्रेणियों की नई सामग्रियाँ और ढली हुईं सामग्रियाँ विकसित की गईं हैं। परीक्षण सुविधाओं का डिज़ाइन पूरा हो चुका है और सुविधा का संस्थापन प्रगति पर है।
चरण प्रणाली का डिज़ाइन पूरा हो चुका है और इसका निर्माण प्रगति पर है। चरण परीक्षण, प्रमोचन पैड पर सर्विसिंग, उप-प्रणाली परीक्षण की आवश्यकताओं के साथ संरचनात्मक परीक्षण आवश्यकताएं भी तैयार की गई हैं।

विनिर्देश: सेमी क्रायो इंजन का त्रिविमीय मॉडल
थ्रस्ट 2000 किलो न्यूटन
जलन अवधि 190 सेंकड
प्रणोदक लॉक्स व इसरोसीन
प्रणोदक लोडिंग 120 टन
चरण का व्यास 4 मीटर
चरण की ऊँचाई 17.31 मीटर

विद्युत नोदन प्रणाली प्रणोदक (सामान्यतः ज़ेनोन-जैसी निष्क्रिय गैसों) को त्वरित करने के लिए उच्च रेचन गतियों तक (लगभग 2000 मीटर/सेकंड तक) विद्युत शक्ति का उपयोग करती है। इस उच्च रेचन गतियों के कारण, इस प्रकार के थ्रस्टरों द्वारा दिया गया विशिष्ट आवेग लगभग 1700 से 2000 सेकंड होता है।


द्रव नोदन प्रणाली केंद्र ने जियोसैट श्रेणी के उपग्रहों की उत्तर-दक्षिण स्टेशन-कीपिंग के लिए 18 मिली न्यूटन स्थायी प्लाज़्मा प्रणोदक (एस पी टी) को विकसित और परिपूर्ण किया गया है। 18 मिली न्यूटन स्थायी प्लाज़्मा प्रणोदक (एस पी टी) को संचालित करने के लिए विकसित पावर प्रोसेसिंग और नियंत्रण इकाई का विकास किया गया और जीसैट-9 को सुपुर्द किया गया और कक्षीय प्रदर्शन पूर्वानुमान के अनुरूप था।

इसके अलावा, द्रव नोदन प्रणाली केंद्र ने 75 मिली न्यूटन तक के थ्रस्ट स्तर के स्थायी प्लाज़्मा प्रणोदक भी विकसित किए हैं। 18 मिली न्यूटन और 75 मिली न्यूटन थ्रस्टरों के निर्माण के लिए अत्याधुनिक सुविधाएँ द्रव नोदन प्रणाली केंद्र, वलियमला और द्रव नोदन प्रणाली केंद्र, बेंगलुरु में स्थापित की गई हैं।

भावी उपग्रहों के लिए विद्युत नोदन प्रणाली और उन्नत विद्युत नोदन प्रणाली (ए ई पी एस) को साकार करने, साथ ही 1 न्यूटन तक के

300 मिली न्यूटन स्थायी प्लाज़्मा प्रणोदक

थ्रस्टरों के निर्माण और परीक्षण के लिए सुविधाएं स्थापित करने के उद्देश्य से, द्रव नोदन प्रणाली केंद्र की मुख्य केंद्र के रूप में भूमिका के साथ उच्च थ्रस्ट विद्युत नोदन प्रणाली परियोजना (एच ई पी) निर्मित की गई।

इस परियोजना के अंतर्गत 300 मिली न्यूटन स्थायी प्लाज़्मा प्रणोदक (एस पी टी) का विकासात्मक मॉडल तैयार किया गया और इसका सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इन थ्रस्टरों को संचालित करने के लिए उच्च दक्षता वाली पावर प्रोसेसिंग और नियंत्रण इकाई भी विकसित की गई और थ्रस्टर के साथ इसका परीक्षण किया गया। उच्च दाब लैच वाल्व, इलेक्ट्रॉनिक दाब विनियामक, यांत्रिक दाब विनियामक सामानुपातिक प्रवाह नियंत्रण वाल्व और एम ई एम एस आधारित दाब ट्रांसड्यूसर -जैसे अन्य प्रवाह नियंत्रण घटकों की अभिकल्पना और इनका विकास द्रव नोदन प्रणाली केंद्र द्वारा किया गया है। थ्रस्टरों की योग्यता के लिए संबंधित प्रणाली के साथ बड़े निर्वात चैंबर, प्लूम विश्लेषण के लिए लेजर प्रेरित स्फुरदीप्ति प्रणाली, थ्रस्ट मापन प्रणाली आदि सहित परीक्षण सुविधा स्थापित की जा रही है।

लॉक्स-मीथेन प्रमोचनयान नोदन के लिए एक नवीन आशाजनक प्रणोदक संयोजन है। मीथेन सबसे सरल हाइड्रोकार्बन है, जो प्राकृतिक गैस के भंडारों में में व्यापक रूप से उपलब्ध है और यह तरल ऑक्सीजन के साथ जलने पर सभी हाइड्रोकार्बनों में अधिकतम परिणाम देता है। मीथेन में केरोसिन ईंधन की तुलना में उच्चतर शीतलन क्षमताएं, निम्न कालिख निर्माण और उच्च कॉकिंग सीमाएं हैं। तरल हाइड्रोजन के मुकाबले, तरल मीथेन (एल सी एच4) में उच्चतर घनत्व आवेग, निम्न तापावरोधन की आवश्यकताएँ होती हैं और यह अधिक सुरक्षित है। मीथेन को एक नरम क्रायोजेन माना जाता है, क्योंकि इसका सामान्य क्वथनांक 111 केल्विन होता है, जबकि एल एच2 का क्वथनांक 20 केल्विन होता है। चूँकि लॉक्स और एल सी एच4 के क्वथनांक समान क्रम में हैं, एक सामूहिक बल्कहेड टैंक डिजाइन किया जा सकता है। अन्य ग्रहों पर मीथेन की प्रचुर उपलब्धता इसे अंतरग्रहीय अन्वेषण के लिए एक अच्छा विकल्प बनाती है। इसे मंगल, टाइटन, बृहस्पति और कई अन्य ग्रहों और चंद्रमाओं से प्राप्त किया जा सकता है। इन फ़ायदों के कारण, लॉक्स-मीथेन इंजन के विकास के लिए विश्वभर में महत्त्वपूर्ण विकास प्रयास चल रहे हैं।

वर्तमान में, 110 टन लॉक्स-मीथेन इंजन के विकास के लिए प्रमुख तकनीकों का विकास पहले ही स्वीकृत हो चुका है और इंजन और उप-प्रणालियों के डिज़ाइन अंतिम चरण में हैं। एक बार योग्यता प्राप्त करने के बाद यह इंजन और चरण संयुक्त रूप से भावी अंतरिक्ष मिशनों के लिए हमारी अगली पीढ़ी के प्रमोचनयान (एन जी एल वी) को शक्ति प्रदान करेंगे।

एल एम ई-1100
(1100किलो न्यूटन श्रेणी का लॉक्स-एल सी एच4 इंजन)

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