श्री नागराजन वेदाचलम
निदेशक,
01/08/2000 - 29/10/2004,
द्रव नोदन प्रणाली केंद्र, इसरो
Director

श्री नागराजन वेदाचलम का जन्म 28 फरवरी अक्तूबर 1942 को मदुरै में हुआ। आपने इंजीनियरिंग की उपाधि त्यागराजार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मदुरै से प्राप्त करने से पूर्व काप्रोन हॉल, सेतुपती स्कूल व मदुरै कॉलज में शिक्षा प्राप्त की। आपने वर्ष 1964 में मद्रास विश्व विद्यालय से इंजीनियरिंग की उपाधि अर्जित की। सन् 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में कार्य-भार ग्रहण करने से पहले आपने रक्षा अनुसंधान व प्रयोगशाला, हैदराबाद में एंटी टैंक मिसाईल गैरोस्कोप में विशेषता प्राप्त करने हेतु चार वर्ष तक काम किया।

आपने जूलाई 1969 में अंतरिक्ष विज्ञान व प्रौद्योगिकी केंद्र, थुंबा, तिरुवनंतपुरम में वैज्ञानिक/इंजीनियर के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) में अपने 34 वर्षों की सेवा अवधि में, श्री वेदाचलम ने अनेक महत्वपूर्ण पदों पर काम किया जैसे, समूह निदेशक, नौवहन मार्गदर्शन एवं नियंत्रण समूह, प्रोग्राम निदेशक, जडत्वीय प्रणाली प्रयोगशाला, निदेशक, जडत्वीय प्रणाली यूनिट, तिरुवनंतपुरम आदि।

श्री वेदाचलम ने निम्न कार्यों के विकास हेतु योगदान किया:

  • एसएलवी-3 के लिए सबसे क्रांतिक स्वदेशी जडत्वीय मापन यूनिट
  • एसएलवी के लिए स्थाई प्लेट फार्म जडत्वीय नौवहन प्रणाली
  • इसरो के पीएसएलवी एवं जीएसएलवी प्रमोचन यानों के लिए स्ट्रैप-डाउन नौसंचालन प्रणाली
  • अंतरिक्ष यान की यंत्रावलियों जैसे संवेग एवं प्रतिक्रिया पहियों एवं आईआरएस और इनसैट अंतरिक्ष यानों के लिए जड़त्वीय संदर्भ यूनिटों को स्वदेशी विकसित किया। इस प्रकार इसरो के जड़त्वीय प्रणाली में आत्मनिर्भरता प्राप्त हुई।

श्री वेदाचलम, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक तथा जूलाई 2000 से द्रव नोदन प्रणाली केंद्र(एलपीएससी), तिरुवनंतपुरम, के निदेशक के रूप में आपने जीसैट-1 नोदन प्रणाली के अतिरिक्त जीएसएलवी डी1 एवं पीएसएलवी-सी4 अभियानों के लिए द्रव रॉकेट चरणों के निर्माण में मार्गदर्शन किया। आपने जीएसएलवी के इसरो निम्नतापीय ऊपरी चरण के विकास में मार्गदर्शन किया तथा 1000 सेकन्ड के लिए प्रथम निम्नतापीय इंजन के सफलतापूर्वक परीक्षण में योगदान दिया।

श्री वेदाचलम ने निम्न पुरस्कार प्राप्त किए:

  • वर्ष 1990 में डॉ बिरन रॉय राष्ट्रीय पुरस्कार
  • वर्ष 1996 में आस्ट्रोनॉटिकल सोसाईटी ऑफ इंडिया पुरस्कार
  • वर्ष 1997 में इलक्टॉनिकी व दूर संचार इंजीनियर पुरस्कार
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदानों के लिए भारत के राष्ट्रपति ने 54वीं गणतंत्र दिवस के दिन में श्री नागराजन वेदाचलम को पद्मश्री से सम्मानित किया।