डॉ. वसंता शास्त्री
निदेशक,
24/09/1999 - 31/12/1999
द्रव नोदन प्रणाली केंद्र
Director

डॉ वसंता शास्त्री ने मैसूर विश्व विद्यालय, कर्नाटक से सन् 1961 में इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की तथा स्नातकोत्तर की उपाधि (वैमानिकी में) सन् 1962 में इंडियन इनस्टिट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलूर से पूरी की। आपने वर्ष 1970 में इंडियन इनस्टिट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलूर से एयरोडैनामिक्स में डाक्टर की उपाधि अर्जित की।

आपने वर्ष 1971 में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र(वीएसएससी), तिरुवनंतपुरम में सेवा भार ग्रहण किया। आप श्यान प्रवाह एवं ऊष्मा अंतरण के अनुभाग प्रधान थे। आपने रॉकेटों में कर्षण व ऊष्मा की परिकलन हेतु सोफ्टवेयर की अवधारणा एवं निर्माण में योगदान दिया। उस समय भारत के प्रथम उपग्रह प्रमोचन यान (एसएलवी) पर विचार किया गया था।

आपको वर्ष 1974 से 1977 तक सीएनईएस (Centre National d'etudes spatiales),एवरी, फ्रांस स्टगैर, एयरोडायनमिक अनुभाग, लानसेर्स विभाग में प्रतिनियुक्त किया था। वर्ष 1973 यूरोपियन प्रमोचन यानों के विकास कार्यक्रम में महत्वपूर्ण था। यूरोपियन प्रमोचन यानों के निरंतर असफलता के कारण परियोजना को त्याग दिया गया तथा फ्रांस के एयरोस्पाटैल्स, लेस म्यूरेक्स के नेतृत्व में एरियन के विकास हेतु एक नई परियोजना का श्री गणेश किया गया। एयरोस्पाटैल्स को मुख्य ठेकेदार के रूप में, अभिकल्पना एवं विकास कार्य की मुख्य जिम्मेदारी सौंपी गयी थी, फ्रांस की ओर से समन्वयन एवं पर्यवेक्षण हेतु सीएनईएस का उत्तरदायित्व था। फ्रांसिसियों को तकनीकी मानव-शक्ति की आवश्यकता थी। विनिमय एवं तथा कथित प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए आपको, सीएनईएस, फांस के एयरोडैनामिक डिज़ाईन टीम के साथ काम करने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया। आपने संगत एयरोडैनामिक विश्लेषण सॉफ्यवेयर, अन्य केंद्रों के साथ समान कार्यों में समन्वयन, प्रमोचन यान में एयरोडैनामिक शक्तियों का आकलन तथा विन्ड टनल परीक्षणों में भागीदार आदि काम किया।

इनसैट-1 उपग्रह परियोजना, इसरो, बैंगलूर, भारत के सहायक निदेशक के रूप में आप वर्ष 1977-1978 के दौरान उपग्रह प्रणाली व प्रमोचन यान समन्वयन में कार्यरत थे। आप निम्न कार्यों के टीम के सदस्य थे:

  • बहुप्रयोजन भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (इनसैट-1) हेतु प्रथम आरएफपी(प्रस्ताव के लिए अनुरोध) का विकास
  • उपग्रह की आपूर्ति हेतु प्रस्तावों का मूल्यांकन
  • निविदाकारों से तकनीकी/वित्तीय/संविदात्मक समझौता एवं निविदाकार का चयन
  • नासा से प्रमोचन सेवाओं के क्रय हेतु कार्रवाई

आप वर्ष 1978-1984 के दौरान इनसैट-1 प्रमोचन परियोजना, पालो आल्टो, के, अमेरिका के सह परियोजना निदेशक थे। पालो आल्टो, के, अमेरिका में नियुक्त टीम के नायक के रूप में आपने निम्न कार्यों को अंजाम दिया:

  • फोर्ड एयरोस्पेस में उपग्रहों के उत्पादन का मॉनिटरन
  • प्रगति मूल्यांकन व मील स्तंभ भुगतानों का मूल्यांकन
  • अनेक परीक्षण प्रक्रियाओं की अभिकल्पना परिवर्तनों व सुधारों का विश्लेषण एवं कार्यान्वयन
  • निविदाकारों के साथ सभी संविदात्मक, वित्तीय एवं तकनीकी इंटरफेसों का प्रबंधन
  • नासा एवं एमडीएसी के साथ दो उपग्रहों के प्रमोचन (डेल्टा 3910 पर इनसैट-1बी एवं एसटीएस पर इनसैट -1बी) हेतु प्रमोचन यानों के कार्यों में समन्वयन। आपका दोनो प्रमोचनों के प्रयोक्ता तकनीकी प्रबंधक के रूप में नामांकन किया गया था।

आप नासा के साथ समझौता करने एवं प्रमोचन सेवाओं के प्रापण हेतु संविदाओं को अंतिम रूप देने के समूह के सदस्य थे। आपने दो उपग्रह प्रमोचन अभियानों को सफल किया। आप इनसैट-1ए विफलता विश्लेषण टीम के सदस्य थे। आपने इनसैट-1ए बीमा के दावों की वसूली में भी योगदान दिया।

आप वर्ष 1985-1987 के दौरान, इनसैट-1 उपग्रह परियोजना, बैंगलूर के सह परियोजना निदेशक थे। आपने इनसैट-1बी उपग्रह के प्रचालन एवं कक्षीय अनुरक्षण, उपग्रह नियंत्रण भू-केद्र के कक्षीय परीक्षण व अनुरक्षण तथा सुदूर संवेदन एवं भू-स्थिर दोनों प्रकारों के विभिन्न उपग्रहों को भारत द्वारा निर्मित करने एवं यांत्रिक प्रणालियों की तकनीकी समीक्षाओं में योगदान दिया।

आप वर्ष 1988-1990 के दौरान, इनसैट-1 उपग्रह परियोजना, बैंगलूर के परियोजना निदेशक थे। इस अवधि के दौरान इनसैट-1सी एवं 1डी उपग्रहों का निर्माण एवं प्रमोचन हुआ। इन प्रमोचनों के लिए एरियनस्पेस व मैकडोनल डग्लस कॉर्परेशन के साथ नए संविदाओं हेतु समझौते किए गए। इस अवधि के दौरान आपने भारत के सभी भू-स्थिर उपग्रह खंडों के प्रचालन एवं अनुरक्षण में योगदान दिया।

आप वर्ष 1991-94 के दौरान विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, त्रिवेंद्रम, भारत के (वैमानिकी एंटिटि) के उपनिदेशक थे। इस एंटिटि में, मुख्यत:, इसरो द्वारा निर्मित सभी प्रमोचन यानों के वायुगतिक, संरचनात्मक व तापीय डिज़ाईन, परीक्षण व योग्यता संबंधित कार्य किया जाता है। आप लगभग 300 उच्च स्तर के इंजीनियरों के समूह के प्रधान थे। आपने पीएसएलवी व जीएसएलवी दोनों के लिए वायु-तापीय एवं संरचनात्मक अभिकल्पना करने में तकनीकी सहायता व मार्गदर्शन प्रदान किया। आप पीएसएलवी के विशेष अभिकल्पना समीक्षा समिति, पीएसएलवी/जीएसएलवी प्रमोचन सुरक्षा समिति के सदस्य भी थे। आप इसरो के सभी मुख्य प्रमोचनों के अभियान समीक्षा समूहों के अध्यक्ष भी रहे हैं।

आप वर्ष 1994 से 1999 तक शार केंद्र, इसरो के निदेशक थे। आपने अनेक रॉकेटों का प्रमोचन किया। वर्ष 2000-2003 के दौरान, आप, इसरो मुख्यालय, बैंगलूर के अतिथि प्रोफेसर थे। आप विभिन्न अभिकल्पना समिति के अध्यक्ष तथा प्रमोचन समीक्षा समूहों के सदस्य भी थे।

आपको कई पुरस्कार प्राप्त हुए, जैसे:-

  • वर्ष 1969 में एयरोनॉटिकल सोसाईटी ऑफ इंडिया की पत्रिका में प्रकाशित आलेख के लिए उत्कृष्ट आलेख पुरस्कार
  • वर्ष 1992 में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु बिरन रॉय पुरस्कार
  • आप वर्ष 1992 में एयरोनॉटिकल इंजिनीयरिंग विभाग, आईआईएससी, बैंगलूर के उत्कृष्ट भूतपूर्व छात्र थे।