डॉ के शिवन
निदेशक,
01/07/2014 - 31/05/2015
द्रव नोदन प्रणाली केंद्र, इसरो
Director

डॉ के शिवन ने सन् 1980 में मद्रास प्रौद्योगिकी संस्थान से वैमानिकी इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। आपने वर्ष 1982 में आईआईएससी, बैंगलूर से वांतरिक्ष इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर की डिग्री अर्जित की। तदनंतर, आपने 2006 में आईआईटी, मुबंई से वांतरिक्ष इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की।

आपने सन् 1982 में इसरो के पीएसएलवी परियोजना में कार्यभार ग्रहण किया तथा अभियान योजना, अभियान अभिकल्पना, अभियान समाकलन एवं विश्लेषण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पीएसएलवी के लिए अभियान अभिकलपना प्रक्रिया एवं नूतन अभियान युक्तियाँ को संपूर्ण किया, जो इसरो के प्रमोचन यानों जैसे जीएसएलवी, जीएसएलवी मार्क III एवं आरएलवी-टीडी की आधारशिला बना। आप 6डी प्रक्षेप पथ अनुकरण सॉफ्टवेयर-सितारा, जो इसरो के सभी प्रमोचन यानों के वास्तविक काल एवं अवास्तविक काल प्रक्षेप पथ अनुकरणों के लिए आधार हैं, के मुख्य शिल्पी है। आपने अभियान संश्लेषण एवं विश्लेषण के लिए इसरो में विश्वस्तरीय अनुकरण सुविधा को अभिचालित किया, जो इसरो के सभी प्रमोचन यानों के लिए अभियान अभिकल्पना, उप-प्रणाली स्तर वैधीकरण तथा एवियॉनिकी प्रणाली के समाकलित वैधीकरण में प्रयुक्त किया जाता है। आपने एक प्रगतिशील प्रमोचन दिन वात अभिनति कार्यनीति को विकसित एवं कार्यान्वित किया, जिससे वर्ष के किसी भी दिन, कैसे भी मौसम एवं वायु स्थिति में रॉकेट का प्रमोचन करना संभव हुआ।

आपने एक समांतर कंप्यूटिंग सुविधा एवं अतिध्वनिक पवन सुरंग सुविधा की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिससे अभिकलीय तरल गतिकी एवं पवन सुरंग परीक्षण में स्व निर्भरता के क्षेत्रों में नए रास्ते खुल गए। आपने इसरो के वर्कहोर्स पीएसएलवी द्वारा भारत के मंगल यान अभियान के प्रमोचन के लिए अभिनव युक्तियों को विकसित किया। आपने आरएलवी-टीडी विकास कार्यक्रम तथा उसकी अभिकल्पना, योग्यता, वायुगतिक अभिलक्षण एवं हार्डवेयर के विकास में नेतृत्व किया।

आपने जीएसएलवी की सुदृढता एवं विश्वसनीयता तथा स्वदेशी निम्नतापीय चरण के प्रमोचन को सिद्ध करने के अध्यादेश के साथ अप्रैल 2011 में जीएसएलवी परियोजना निदेशक का कार्यभार ग्रहण किया। आपके नेतृत्व में स्वदेशी निम्नतापीय चरण के जीएसएलवी की उडान ने ऐतिहासिक सफलता प्राप्त की।

इसरो में आपने कई महत्वपूर्ण पदों जैसे, समूह निदेशक, एमएसएसजी, परियोजना निदेशक, आरएलवी-टीडी, उप निदेशक, वैमानिकी एंटिटि, उप निदेशक, संरचना एंटिटि, परियोजना निदेशक, जीएसएलवी, मुख्य नियंत्रक, वीएसएससी, निदेशक, एलपीएससी, आदि ग्रहण किया तथा जून 2015 से आप वर्तमान में वीएसएससी के निदेशक हैं।

आपके अनेक पत्रिकाओं में विभिन्न लेख प्रकाशित हुए है तथा आप इंडियन नैशनल अकादमी ऑफ इंजीनियरिंग, भारतीय वैमानिकी सोसाईटि तथा भारतीय प्रणाली सोसाईटि के फेलो है। आपने अपने कार्यकाल में कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं, जिसमें अप्रैल 2014 में सत्यभामा विश्व विद्यालय, चेन्नै से डाक्टर ऑफ फिलोसफी की मानद उपाधि, एमआईटी ऐलुमिनी संघ, चेन्नै से प्रतिष्ठित विद्यार्थी पुरस्कार-2013, वर्ष 2011 में डॉ बिरन रॉय अंतरिक्ष विज्ञान पुरस्कार, सन् 2007 में इसरो योग्यता पुरस्कार, सन् 1999 में श्री हरी ओम आश्रम प्रेरित डॉ विक्रम साराभाई अनुसंधान पुरस्कार आदि हैं।