श्री एम चंद्रदत्तन
निदेशक,
01/01/2013 - 30/06/2014
द्रव नोदन प्रणाली केंद्र, इसरो
Director

श्री एम चंद्रदत्तन का जन्म 8 मई 1951 को तिरुवनंतपुरम जिला के वर्कला में हुआ। आपने सरकारी हाई स्कूल, वर्कला से हाईस्कूल की शिक्षा तथा शिवगिरी के श्री नारायणा कॉलेज से प्रि-डिग्री की शिक्षा प्राप्त की। आपने वर्ष 1971 में केरल विश्ववद्यालय के सरकारी इंजिनियरिंग कॉलेज, त्रिशूर से रासायनिक इंजिनियरिंग में स्नातक की उपाधि अर्जित की। आपने वर्ष 1985 में बिरला प्रौद्योगिकी संस्थान से रॉकेट नोदन में एम.टेक की उपाधि प्राप्त की।

स्नातक का शिक्षण प्राप्त करने के तत्काल बाद आपने मणिपाल इंजिनियरिंग कॉलेज में रासायनिक इंजिनियरिंग में छह महीने की लघु अवधि के लिए प्राध्यापक के रूप में काम किया। आपने जनवरी 1972 में इसरो, तिरुवनंतपुरम (उस समय एसएसटीसी) में कार्यभार ग्रहण किया। प्रारंभ में, आपने एसएलवी -3 परियोजना के अभिकल्पना चरण पर कार्य किया। तदुपरांत एम आर कुरुप के मार्गदर्शन में रॉकेट नोदन संयत्र (आरपीपी) में एसएलवी-3 के ठोस नोदक के निरुपण6 के विकास कार्य से जुड़ गए। आपने इस अवधि के दौरान प्रबंधन के विभिन्न क्षेत्रों में अतिरिक्त भार ग्रहण किया तथा ठोस मोटर पर बड़ी संख्या में प्रयोगों को अंजाम दिया। तत्पश्चात, आपको मुख्यत: ठोस मोटरों के विकास एवं निर्माण कार्य हेतु रॉकेट नोज़लों की जिम्मेदारी सौंपी गई। वर्ष 2000 से 2004 तक आपने अपरक्षक नोज़ल उत्पादन टीम का नेतृत्व किया तथा जीएसएलवी मार्क III के स्ट्राप-ऑन बूस्टर-एस 200 मोटर के लिए फ्लेक्स नोज़ल का विकास एवं निर्माण किया। वर्ष 2002 के दौरान जीएसएलवी मार्क III के कोर टीम का गठन हुआ, तब आपको जीएसएलवी मार्क III के एस 200 बूस्टर के परियोजना निदेशक की प्रमुख जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसे आपने 2008 तक वहन की।

ठोस मोटर के क्षेत्र में आपके बृहत अनुभवों को देखते हुए, वर्ष 2004 में आपको सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी, शार) को स्थानंतरित किया गया। वर्ष 2006 के आरंभ में आपको एस 200 बूस्टरों के निर्माण हेतु नए ठोस नोदक संयत्र(एसपीपी), विश्वस्तरीय ठोस बूस्टर उत्पादन संयत्र के निर्माण की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई। वर्ष 2004 से 2008 तक आपने एसडीएससी शार में विविध पदों जैसे महा प्रबंधक, ठोस नोदक अंतरिक्ष बूस्टर संयत्र(स्प्रॉब), उपनिदेशक, स्प्रॉब व एसपीपी तथा यान समुच्चयन एवं स्थैतिक परीक्षण सुविधा(वास्ट), सह निदेशक, एसडीएससी, शार तथा अगस्त 2008 से निदेशक एसडीएससी शार के पदों पर काम किया। जनवरी 2013 से जून 2014 तक द्रव नोदन प्रणाली केंद्र, जो इसरो के प्रमोचन यानों एवं अंतरिक्ष कार्यक्रमों के द्रव नोदन प्रणाली के क्षेत्र में एक अग्रणी केंद्र है, आप निदेशक थे। आप जूलाई 2014 से मई 2015 तक वीएसएससी के निदेशक थे।

आपको जून 2007 में डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम से इसरो के "व्यक्तिगत सेवा पुरस्कार-2006", आईआईसीएचई से, "उत्कृष्ट रासायनिक इंजीनियर पुरस्कार-2009", वर्ष 2009 के लिए उत्तम निष्पादन पुरस्कार आदि से सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने आपको वर्ष 2014 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया।